मकसद मेरा साफ! सभी के साथ इंसाफ!
प्रेषक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
======================================================================राष्ट्रीय अध्यक्ष : भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)-दिल्लीराष्ट्रीय अध्यक्ष : जर्नलिस्ट्स, मीडिया एण्ड राइटर्स वैलफेयर एसोसिएशन, लखनऊप्रकाशक एवं सम्पादक : प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित एवं राजस्थान के सभी जिलों तथा देश के 22 राज्यों में प्रसारित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र)निवास : 7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)Res. : 7, Tanwar Colony, Khatipura Road, JAIPUR-203006, RJमो. नं. 9828502666 एवं 8561955619फोन नं. : 0141-2222225, E-mail : baasoffice@gmail.com
पत्रांक : जयपुर/निरंकुश/13-12-1 दिनांक : 18.12.2013
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प्रतिष्ठा में,
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
नगर निगम, लाल कोठी
टोंक रोड, जयपुर (राजस्थान)
विषय : शिकायत एवं सुझाव।
उपरोक्त विषय में आपके ध्यान लाया जाता है कि-
1. ऐसा देखने में आया है कि नगर निगम जयपुर की ओर से जो सिटीजन हैल्प लाइन फोन नं. 0141-5110111 संचालित किया जा रहा है, उसके बारे में निम्न तथ्य आपकी जानकारी हेतु प्रस्तुत हैं :
(1) सर्व-प्रथम तो उक्त फोन नं. टोल-फ्री प्रदर्शित नहीं है। जो नागरिकों के अधिकारों का सीधा हनन है और सेवादोष है।
(2) उक्त फोन पर जो स्टॉफ पदस्थ रहता है, वह सम्भवत: अप्रिक्षित और अकुशल है या जिस सोफ्ट वेयर पर शिकायत दर्ज की जाती है-वह सोफ्ट वेयर धीमी गति से काम करता है या सोफ्ट वेयर संचालक स्टॉफ अदक्ष है, जो निम्न बातों से प्रमाणित होता है :
(क) शिकायत दर्ज करने में 5 मिनट तक का समय लिया जाता है, जो नागरिकों के लिये अत्यन्त खर्चीला और चिढाने वाला है।
(ख) शिकायत दर्ज करने वाला स्टॉफ अपना नाम और पदनाम नहीं बतलाता है और बार-बार पूछने पर स्टॉफ की ओर से कहा जाता है कि ‘‘उन्हें उच्च अधिकारियों ने मौखिक निर्देश दिये हुए हैं कि नागरिकों को अपना नाम और पदनाम नहीं बतलाया जावे।’’
(ग) शिकायत दर्ज करने से पूर्व शिकायतकर्ता को हर-सम्भव टालने का प्रयास किया जाता है।
2. उपरोक्त के साथ-साथ जो शिकायतें दर्ज करवाई जाती हैं, उन शिकायतों को नगर निगम के किसी प्राधिद्भत प्राधिकारी को भेजने के बजाय सीधे उसी कर्मचारी या ठेकेदार को अग्रेषित कर दिया जाता है, जिसकी सेवा में कमी के कारण शिकायत दर्ज की गयी होती है। जबकि होना ये चाहिये कि जिस किसी भी सेवा में कमी से व्यथित होकर शिकायत दर्ज करवाई गयी है, उसका सम्बन्धित से तत्काल निराकरण करवाने के साथ-साथ उस शिकायत के लिये जिम्मेदार लोक सेवक या ठेकेदार के खिलाफ सक्षम और प्राधिद्भत प्राधिकारी द्वारा सख्त अनुशासनिक कार्यवाही भी की जानी चाहिये। यदि ऐसा किया जावे तो शिकायतों में 90 फीसदी तक कमी लायी जा सकती है। साथ-साथ इससे नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं में और सेवाओं की गुणवत्ता में भी अवश्य सुधार होगा।
3. नगर निगम की ओर से सम्पूर्ण जयपुर नगर निगम क्षेत्र में कहीं भी किसी बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से आम नागरिकों के लिये यह प्रदर्शित नहीं किया गया है कि साफ-सफाई एवं बिजली से सम्बन्धित असुविधा या सेवा में कमी के बारे में कहॉं और कैसे किशयत दर्ज की जा सकती है? जबकि प्रत्येक वार्ड में कम से कम 10 स्थानों पर ऐसी जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिये। इससे आम लोगों द्वारा नगर निगम की सेवाओं की निगरानी करना आसान होगा, जो नगर निगम का महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
आशा है कि उक्त बिन्दुओं पर विचार कर, की गयी कार्यवाही से आम जनता और निम्नहस्ताक्षरकर्ता को अवश्य ही अवगत करवाया जायेगा।
भवदीय
(डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’)
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