22/01/2014

ब्रॉड बैंड प्लान एवं भारत संचार निगम लि. द्वारा जारी बिल के बारे में शिकायत तथा सुझाव।

मकसद मेरा साफ! सभी के साथ इंसाफ!

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
राष्ट्रीय अध्यक्ष : भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)-दिल्ली
राष्ट्रीय अध्यक्ष : जर्नलिस्ट्स, मीडिया एण्ड राइटर्स वैलफेयर एसोसिएशन, लखनऊ
प्रकाशक एवं सम्पादक : प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित एवं राजस्थान के सभी जिलों तथा देश के 22 राज्यों में प्रसारित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र)
निवास : 7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)
Res. : 7, Tanwar Colony, Khatipura Road, JAIPUR-203006, RJ
मो. नं. 9828502666 एवं 8561955619
फोन नं. : 0141-2222225
E-mail : baasoffice@gmail.com
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पत्रांक : जयपुर/निरंकुश/13-12-1                                                                        दिनांक : 22.01.2014

प्रतिष्ठा में,
मुख्य महाप्रबन्धक
भारत संचार निगम लि.
मिर्जा इस्माईल रोड, जयपुर (राजस्थान)

विषय : ब्रॉड बैंड प्लान एवं भारत संचार निगम लि. द्वारा जारी बिल के बारे में शिकायत तथा सुझाव।

उपरोक्त विषय में, मैं आपके ध्यान में निम्न तथ्यों को लाना चाहता हूँ-

भाग : क

1. यह कि मैं भारत संचार निगम लि. की ओर से उपलब्ध करवायें गये फोन नं. 0141.2222225 का उपभोक्ता हूँ।

2. यह कि जब कभी भी भारत संचार निगम लि. के एक्सचेंज में लाइट चली जाती है तो मेरा उक्त फोन एवं उक्त फोन पर उपलब्ध ब्रॉड बैंड सेवा सौ फीसदी ठप्प हो जाते हैं।

3 यह कि उक्त बिन्दु 2 में बताये अनुसार सेवा ठप्प हो जाने के दौरान यदि कोई व्यक्ति उक्त फोन पर मुझे काल करता है तो उसे भारत संचार निगम लि. के द्वारा सन्देश सुनाया जाता है कि इस नम्बर की सेवाएँ अस्थायी रूप से छीन ली गयी हैं। यहॉं यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि जिन उपभोक्ताओं द्वारा समय पर बिल जमा नहीं करवाये जाते हैं, उनके फोन पर सेवाएँ बन्द कर देने के बाद भी काल करने वाले को भारत संचार निगम लि. की ओर से इसी प्रकार का सन्देश सुनाया जाता है। इससे मेरे उक्त फोन पर काल करने वालों को यह प्रतीत होता है कि मेरी ओर से उक्त फोन का बिल नहीं जमा किया गया है। जो भारत संचार निगम लि. की ओर से मेरा सार्वजनिक रूप से खुल्लमखुल्ला अपमान किये जाने के समान है।

भाग : ख

1. यह कि पिछले वर्ष भारत संचार निगम लि. की बॉड बैंड लाइनों को रेलवे द्वारा काट दिया गया था, जिसके कारण काफी दिनों तक बॉड बैंड की सेवा पूर्णत: ठप्प रही थी। जिसमें मेरा उक्त फोन नं. भी शामिल था। स्थानीय समाचार-पत्रों में भी इस बारे में अनेक बार समाचार-प्रकाशित हुए थे। इस बारे में आपको भी सम्पूर्ण जानकारी होगी।

2. यह कि उक्त बिन्दु 1 के अनुसार बॉड बैंड की सेवा पूर्णत: ठप्प रहने के बावजदू भी भारत संचार निगम लि. द्वारा मासिक बिल में उक्त अवधि का शुल्क घटाकर बिल नहीं भेजा गया, जो एक उपभोक्ता के रूप में मेरा खुला और मनमाना शोषण है।

3. यह कि भारत संचार निगम लि. ने बॉड बैंड सेवा में होने वाली अनियमितताओं के सुधार का किसी बाहरी एजेंसी को ठेका दे रखा है, ऐसे में 1500 नं. पर या भारत संचार निगम लि. के स्थानीय सम्बन्धित लोक सेवकों से किसी प्रकार की अनियमितता की बात कहने पर सीधा टका सा जवाब दिया जाता है कि ‘‘ब्रॉड बैंड का मामला हमसे सम्बन्धित नहीं है, ये काम ठेकेदार का है।’’ जबकि उपभोक्ता भारत संचार निगम लि. को बिल का भुगतान करता है, न कि किसी ठेकेदार को। ऐसे में इस प्रकार का रूखा और अशिष्ट जवाब दिया जाना पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना और अनुशासनहीनता है।

4. यह कि उक्त बिन्दु 3 में बताये अनुसार ठेकेदार की सेवाएँ त्वरित और सन्तोषजनक नहीं हैं, जिसके चलते बॉड बैंड की सेवाओं में आये दिन असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। 

भाग : ग

1. यह कि उक्त भाग-क एवं ख में वर्णित दोनों विषयों के सम्बन्ध में भारत संचार निगम लि. में सेवारत निम्न से उच्चतम स्तर तक के लोक सेवकों को मैं अनेक बार व्यक्तिगत रूप से अवगत करवा चुका हूँ, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई सामाधनकारी कार्यवाही नहीं की गयी है। न किये जाने के बारे में मुझे अवगत करवाया गया है।

अपेक्षा : उपरोक्तानुसार आपको औपचारिक रूप से लिखित में अवगत करवाकर आपसे विधिक अपेक्षा करता हूँ कि भारत संचार निगम लि. के राजस्थान के सर्वोच्च लोक सेवक के रूप में आप उक्त विवरण का परीक्षण करवाकर त्वरित कार्यवाही करेंगे और-

(1) भारत संचार निगम लि. द्वारा उत्पन्न की जा रही समस्याओं, भारत संचार निगम लि. के लोक सेवकों की मनमानी व अनुशासनहीनता और सेवाओं में असन्तोष के कारणों का पता लगाकर स्थायी समाधानकारी एवं सुधारात्मक कार्यवाही करेंगे।

(2) इस पत्र की प्राप्ति से मुझे अवगत करवाने के साथ-साथ इस बारे में जो कुछ भी कार्यवाही की जायेगी या नहीं की जायेगी, उसके बारे में और कार्यवाही के परिणामों के बारे में भी अवश्य ही मुझे अवगत करवायेंगे।

भवदीय
(डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’)

उक्त पत्र की जे पी जी कॉपी



14/01/2014

प्रेसपालिका (पाक्षिक समाचार-पत्र) का संशोधित पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी करने के सम्बन्ध में।

प्रेषक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’, प्रकाशक, मुद्रक, स्वामी एवं सम्पादक, प्रेसपालिका (हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र), 7-तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर (राजस्थान) पिन-302006
मोबाइल नम्बर : 09828502666, E-mail : baasoffice@gmail.com
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पत्रांक : 2004/13005                                                                                             14 जनवरी, 2014

प्रतिष्ठा में,

उप पंजीयक, भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय, पश्‍चिम खण्ड-8
विंग-2, रामकृष्णपुरम्, सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय, भारत सरकार, नयी दिल्ली-110066, भारत।

विषय : प्रेसपालिका (पाक्षिक समाचार-पत्र) का संशोधित पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी करने के सम्बन्ध में।

सन्दर्भ : RNI No. RAJHIN/2004/13005 एवं मेरा पूर्व पत्र संख्या : 2004/13005, दिनांक : 22.05.2012. (सन्दर्भित पत्र की पावती मोहर सहित संलग्न है)

माननीय महोदय,

उपरोक्त विषय में लेख है कि सन्दर्भित पत्र तथा स्मरण-पत्र द्वारा मेरी ओर से भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय, पश्‍चिम खण्ड-8, विंग-2, रामकृष्णपुरम्, सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय, भारत सरकार, नयी दिल्ली-110066 को विधिवत आवेदन प्रस्तुत करके ‘‘प्रेसपालिका’’ समाचार-पत्र के पंजीयन प्रमाण-पत्र में संशोधन करके नया/संशोधित पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने का अनेक बार अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन अभी तक नया/संशोधित पंजीयन प्रमाण-पत्र या इस बारे में कोई भी प्रतिउत्तर नहीं मिला है। अत: भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक कार्यालय की वेब साईट पर प्रदर्शित शिकायत निवारण-तंत्र पर मेरी ओर से दिनांक : 24.12.2013 को उप प्रेस पंजीयक, भारत के समाचार-पत्रों के पंजीयक का कार्यालय, में दूरभाष: 011-26106251 पर बात की, तो फोन पर बात करने वाले ने (उन्होंने) मुझे बताया कि भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय, नयी दिल्ली की ओर से मुझे दो पत्र लिखे गये थे, लेकिन न जाने किन कारणों से मुझे एक भी पत्र आज तक नहीं मिला हैं। यह जानकर मुझे आश्‍चर्य हुआ है। आपको अवगत करवा दूँ कि अन्य सभी प्रकार की डाक मेरे पते पर नियमित रूप से मिलती रहती हैं। इससे उक्त पत्रों के मेरे पते पर भेजे जाने की बात पर विश्‍वास करना सम्भव नहीं है। इसके अलावा यह और कि हमारे अन्य अनेक मित्र भी बतलाते हैं कि उनको भी भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय, नयी दिल्ली से डाक भेजे जाने की बात कही जाती है, लेकिन उनको भी डाक मिलती नहीं है। ऐसे में भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय, नयी दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से जाकर मिलने पर ही उनका काम हो पाता है। इससे भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक के कार्यालय की डाक व्यवस्था में कुछ न कुछ दोष या अनियमितता होना स्वाभाविक रूप से प्रमाणित होता है। जिसे ठीक किये जाने की जरूरत है।

मैं आपको स्पष्ट रूप से यह भी अवगत करवा दूँ कि हम उक्त समाचार-पत्र ‘‘प्रेसपालिका’’ को किसी व्यावसायिक उद्देश्य से प्रकाशित नहीं करते हैं। यहां तक कि हम किसी प्रकार के विज्ञापन तक प्रकाशित नहीं करते हैं। ऐसे में हमारे पास इतने आर्थिक संसाधन नहीं होते हैं कि हम गैर-जरूरी आर्थिक खर्चा वहन करके भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय, नयी दिल्ली में उपस्थित होकर वैधानिक कार्य के लिये व्यक्तिगत रूप से चक्कर काटें।

उपरोक्त बताये अनुसार आपसे आग्रह है कि कृपया मेरे सन्दिर्भित पत्रानुसार संशोधित पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी करवाने में सहयोग करें और साथ ही इस तथ्य की निष्पक्ष जॉंच कराने का कष्ट करें कि मुझको तथाकथित रूप से भेजे गये पत्र, मुझे क्यों नहीं मिले हैं। यदि मेरे मूल आवेदन में कोई कमी हो तो कृपया मुझ मेरे पत्राचार के पते पर और मेरे मेल आईडी पर तत्काल अवगत करवाने का कष्ट करें, जिससे मैं किसी प्रकार की कमी हो तो उसको दुरुस्त कर सकूँ। धन्यवाद।

संलग्न : 1 पृष्ठ (उपरोक्तानुसार)

प्रतिलिपि : 1. भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक, भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय, पश्‍चिमी खंड 8,स्कंध 2, रामकृष्णपुरम, नयी दिल्ली 110066 को उपरोक्तानुसार समस्त प्रकार की अग्रिम कार्यवाही करने के लिये प्रस्तुत है।

2. संयुक्त सचिव (नीति एवं लोक शिकायत), सूचना और प्रसारण मंत्रालय, ‘ए’ विंग, शास्त्री भवन, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मार्ग, नई दिल्ली 110001 को उपरोक्तानुसार समस्त प्रकार की अग्रिम कार्यवाही करने के लिये प्रस्तुत है।

भवदीय

(डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’)
(Dr. Purushottam Meena 'Nirankush')
स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक एवं सम्पादक-प्रेसपालिका
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उपरोक्त मूल पत्र की इमेज






































(सन्दर्भित पत्र की पावती मोहर सहित संलग्न है)






18/12/2013

जोनल आयुक्त (सिविल लाईंस) नगर निगम, जयपुर (राजस्थान) सफाई एवं बिजली की शिकायत एवं सुझाव

मकसद मेरा साफ! सभी के साथ इंसाफ!

प्रेषक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
राष्ट्रीय अध्यक्ष : भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)-दिल्ली
राष्ट्रीय अध्यक्ष : जर्नलिस्ट्स, मीडिया एण्ड राइटर्स वैलफेयर एसोसिएशन, लखनऊ
प्रकाशक एवं सम्पादक : प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित एवं राजस्थान के सभी जिलों तथा देश के 22 राज्यों में प्रसारित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र)
निवास : 7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)
Res. : 7, Tanwar Colony, Khatipura Road, JAIPUR-203006, RJ
मो. नं. 9828502666 एवं 8561955619
फोन नं. : 0141-2222225, E-mail : baasoffice@gmail.com
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पत्रांक : जयपुर/निरंकुश/13-12-2                                                                           दिनांक : 18.12.2013
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प्रतिष्ठा में,
जोनल आयुक्त (सिविल लाईंस)
नगर निगम, जयपुर (राजस्थान)
विषय : शिकायत एवं सुझाव।

उपरोक्त विषय में आपके ध्यान लाया जाता है कि- 

1. ऐसा देखने में आया है कि नगर निगम जयपुर की ओर से जो सिटीजन हैल्प लाइन फोन नं. 0141-5110111 संचालित किया जा रहा है, उसके बारे में निम्न तथ्य आपकी जानकारी हेतु प्रस्तुत हैं :
(1) सर्व-प्रथम तो उक्त फोन नं. टोल-फ्री प्रदर्शित नहीं है। जो नागरिकों के अधिकारों का सीधा हनन है और सेवादोष है।
(2) उक्त फोन पर जो स्टॉफ पदस्थ रहता है, वह सम्भवत: अप्रिक्षित और अकुशल है या जिस सोफ्ट वेयर पर शिकायत दर्ज की जाती है-वह सोफ्ट वेयर धीमी गति से काम करता है या सोफ्ट वेयर संचालक स्टॉफ अदक्ष है, जो निम्न बातों से प्रमाणित होता है :
(क) शिकायत दर्ज करने में 5 मिनट तक का समय लिया जाता है, जो नागरिकों के लिये अत्यन्त खर्चीला और चिढाने वाला है।
(ख) शिकायत दर्ज करने वाला स्टॉफ अपना नाम और पदनाम नहीं बतलाता है और बार-बार पूछने पर स्टॉफ की ओर से कहा जाता है कि ‘‘उन्हें उच्च अधिकारियों ने मौखिक निर्देश दिये हुए हैं कि नागरिकों को अपना नाम और पदनाम नहीं बतलाया जावे।’’
(ग) शिकायत दर्ज करने से पूर्व शिकायतकर्ता को हर-सम्भव टालने का प्रयास किया जाता है।
2. उपरोक्त के साथ-साथ जो शिकायतें दर्ज करवाई जाती हैं, उन शिकायतों को नगर निगम के किसी प्राधिद्भत प्राधिकारी को भेजने के बजाय सीधे उसी कर्मचारी या ठेकेदार को अग्रेषित कर दिया जाता है, जिसकी सेवा में कमी के कारण शिकायत दर्ज की गयी होती है। जबकि होना ये चाहिये कि जिस किसी भी सेवा में कमी से व्यथित होकर शिकायत दर्ज करवाई गयी है, उसका सम्बन्धित से तत्काल निराकरण करवाने के साथ-साथ उस शिकायत के लिये जिम्मेदार लोक सेवक या ठेकेदार के खिलाफ सक्षम और प्राधिद्भत प्राधिकारी द्वारा सख्त अनुशासनिक कार्यवाही भी की जानी चाहिये। यदि ऐसा किया जावे तो शिकायतों में 90 फीसदी तक कमी लायी जा सकती है। साथ-साथ इससे नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं में और सेवाओं की गुणवत्ता में भी अवश्य सुधार होगा।

3. नगर निगम की ओर से सम्पूर्ण जयपुर नगर निगम क्षेत्र में कहीं भी किसी बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से आम नागरिकों के लिये यह प्रदर्शित नहीं किया गया है कि साफ-सफाई एवं बिजली से सम्बन्धित असुविधा या सेवा में कमी के बारे में कहॉं और कैसे किशयत दर्ज की जा सकती है? जबकि प्रत्येक वार्ड में कम से कम 10 स्थानों पर ऐसी जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिये। इससे आम लोगों द्वारा नगर निगम की सेवाओं की निगरानी करना आसान होगा, जो नगर निगम का महत्वपूर्ण लक्ष्य है।

4. सेवा में कमी की शिकायत : मैं म. नं. 7, तँवर कॉलानी, रोड नं. 1, नियर रावल जी का बन्धा, खातीपुरा रोड, जयपुर में जुलाई, 2005 से निवास करता हूँ। यहॉं पर-
(1) बार-बार प्रयास करने पर स्ट्रीट लाईट हेतु खम्बे गाड़े गये। ट्यूब लाईट भी लगाई गयी जो जब तक जिन्दा रहती हैं 24 घंटे जलती रहती हैं। अन्यथा खराब होने पर बदली ही नहीं जाती हैं।
(2) उक्त अवधि में यहॉं पर सफाई के नाम पर केवल दो बार रोड पर झाड़ू लगाया गया है, वो भी तब जबकि व्यक्तिगत रूप से आपको आपके मो. नं.ं9667443902 पर अवगत करवाया गया।
(3) उक्त कॉलोनी के आसपास कहीं पर भी कचरा-पात्र नहीं रखवाया गया है।
(4) सम्बन्धित नगर निगम लोक सेवक इस बारे में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं।
आशा है कि उक्त बिन्दुओं पर विचार कर, की गयी कार्यवाही से आम जनता और निम्नहस्ताक्षरकर्ता को अवश्य ही अवगत करवाया जायेगा।
भवदीय
(डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’)

नोट : मूल पत्र पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!


मुख्य कार्यकारी अधिकारी नगर निगम जयपुर (राजस्थान) के नाम शिकायत एवं सुझाव

मकसद मेरा साफ! सभी के साथ इंसाफ!

प्रेषक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
राष्ट्रीय अध्यक्ष : भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)-दिल्ली
राष्ट्रीय अध्यक्ष : जर्नलिस्ट्स, मीडिया एण्ड राइटर्स वैलफेयर एसोसिएशन, लखनऊ
प्रकाशक एवं सम्पादक : प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित एवं राजस्थान के सभी जिलों तथा देश के 22 राज्यों में प्रसारित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र)
निवास : 7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)
Res. : 7, Tanwar Colony, Khatipura Road, JAIPUR-203006, RJ
मो. नं. 9828502666 एवं 8561955619
फोन नं. : 0141-2222225, E-mail : baasoffice@gmail.com
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पत्रांक : जयपुर/निरंकुश/13-12-1                                                                        दिनांक : 18.12.2013 
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प्रतिष्ठा में,
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
नगर निगम, लाल कोठी
टोंक रोड, जयपुर (राजस्थान)

विषय : शिकायत एवं सुझाव।

उपरोक्त विषय में आपके ध्यान लाया जाता है कि- 

1. ऐसा देखने में आया है कि नगर निगम जयपुर की ओर से जो सिटीजन हैल्प लाइन फोन नं. 0141-5110111 संचालित किया जा रहा है, उसके बारे में निम्न तथ्य आपकी जानकारी हेतु प्रस्तुत हैं :
(1) सर्व-प्रथम तो उक्त फोन नं. टोल-फ्री प्रदर्शित नहीं है। जो नागरिकों के अधिकारों का सीधा हनन है और सेवादोष है।
(2) उक्त फोन पर जो स्टॉफ पदस्थ रहता है, वह सम्भवत: अप्रिक्षित और अकुशल है या जिस सोफ्ट वेयर पर शिकायत दर्ज की जाती है-वह सोफ्ट वेयर धीमी गति से काम करता है या सोफ्ट वेयर संचालक स्टॉफ अदक्ष है, जो निम्न बातों से प्रमाणित होता है :
(क) शिकायत दर्ज करने में 5 मिनट तक का समय लिया जाता है, जो नागरिकों के लिये अत्यन्त खर्चीला और चिढाने वाला है।
(ख) शिकायत दर्ज करने वाला स्टॉफ अपना नाम और पदनाम नहीं बतलाता है और बार-बार पूछने पर स्टॉफ की ओर से कहा जाता है कि ‘‘उन्हें उच्च अधिकारियों ने मौखिक निर्देश दिये हुए हैं कि नागरिकों को अपना नाम और पदनाम नहीं बतलाया जावे।’’
(ग) शिकायत दर्ज करने से पूर्व शिकायतकर्ता को हर-सम्भव टालने का प्रयास किया जाता है।
2. उपरोक्त के साथ-साथ जो शिकायतें दर्ज करवाई जाती हैं, उन शिकायतों को नगर निगम के किसी प्राधिद्भत प्राधिकारी को भेजने के बजाय सीधे उसी कर्मचारी या ठेकेदार को अग्रेषित कर दिया जाता है, जिसकी सेवा में कमी के कारण शिकायत दर्ज की गयी होती है। जबकि होना ये चाहिये कि जिस किसी भी सेवा में कमी से व्यथित होकर शिकायत दर्ज करवाई गयी है, उसका सम्बन्धित से तत्काल निराकरण करवाने के साथ-साथ उस शिकायत के लिये जिम्मेदार लोक सेवक या ठेकेदार के खिलाफ सक्षम और प्राधिद्भत प्राधिकारी द्वारा सख्त अनुशासनिक कार्यवाही भी की जानी चाहिये। यदि ऐसा किया जावे तो शिकायतों में 90 फीसदी तक कमी लायी जा सकती है। साथ-साथ इससे नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं में और सेवाओं की गुणवत्ता में भी अवश्य सुधार होगा।

3. नगर निगम की ओर से सम्पूर्ण जयपुर नगर निगम क्षेत्र में कहीं भी किसी बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से आम नागरिकों के लिये यह प्रदर्शित नहीं किया गया है कि साफ-सफाई एवं बिजली से सम्बन्धित असुविधा या सेवा में कमी के बारे में कहॉं और कैसे किशयत दर्ज की जा सकती है? जबकि प्रत्येक वार्ड में कम से कम 10 स्थानों पर ऐसी जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिये। इससे आम लोगों द्वारा नगर निगम की सेवाओं की निगरानी करना आसान होगा, जो नगर निगम का महत्वपूर्ण लक्ष्य है।

आशा है कि उक्त बिन्दुओं पर विचार कर, की गयी कार्यवाही से आम जनता और निम्नहस्ताक्षरकर्ता को अवश्य ही अवगत करवाया जायेगा। 

भवदीय
(डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’)
















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